- सुधनम
- चाणक्य कहते है कि जिसका धन शुद्ध है, उसके घर मे सुख सम्पत्ति है।पुराने लोगों ने चार शब्ध कहे थे जो बडे महत्त्व के है। चार शब्दों पर गौर करना "धृत नया धान पुराने घर कुलवंती नार।
भक्ति
भक्ति निष्काम भाव है आस्था का, समर्पण का, सेवा का, बलिदान करने का, बदले में कुछ ना चाहने का, आध्यात्मिकता का प्रथम सोपान है।
स्वदेश का प्यार
भरा नही जो भावों से बहती जिसमें रसधार नही। - हृदय नहीं वह प्थ्त्तर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नही ।
Friday, February 5, 2016
सुधनम,भक्ति,स्वदेश का प्यार
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